Wednesday 17 May 2017

अनोखे लाल का अनोखा मिशन



 अनोखे लाल पहली बार बाप बनने की खुशी में फूला नहीं समा रहा था ।  उसने बहुत प्यार से अपनी बेटी का नाम रखा 'कोमल'। लेकिन लोगों ने कहा कि नाम तो ठीक है पर बहुत कॉमन और घिसा पिटा नाम है । कुछ अच्छा और अलग  नाम होना चाहिए । जैसा कि आज कल हर कोई करता है । टी वी सीरियल में भी ऐसे ही नाम होते हैं । बात अनोखे के मन में बैठ गयी । लेकिन बेटी का नाम बदलवाने की सरकारी प्रक्रिया लम्बी थी और मंहगी भी । अनोखे ने तय किया कि अगले बच्चे का कुछ क्रिएटिव नाम रखेगा । जैसा किसी और बच्चे का ना हो । वो वक्त भी जल्दी ही आ गया । इस बार अनोखे को पुत्र प्राप्ति हुई और अनोखे अपने मिशन में लग गया । वह अपने बेटे का कोई ऐसा नाम रखना चाहता था जो किसी और ने अपने बच्चे का ना रखा हो । कुछ ऐतिहासिक हो , सार्थक और प्यारा भी । अच्छे नाम की तलाश में अनोखे ने इन्टरनेट छान मारा । वह बाज़ार से एक किताब भी लेकर आया जिसमें बहुत से हिंदी नाम लिखे थे । लेकिन बात नहीं बनी ।  महाभारत और रामायण के सभी चरित्रों के नाम पढ़े । और एक नाम ढूंढ निकाला " अयोबाहू " । नाम सचमुच अनोखा था । ऐसा नाम पूरे मोहल्ले में किसी के बच्चे का नहीं था । लेकिन मंदिर के पंडित ने बताया कि यह महाभारत में एक कौरव का नाम था । मोहल्ले भर में अयोबाहू का मज़ाक बन गया । अनोखे ने तय किया कि वह जल्दी ही नाम बदल देगा । वह फिर से एक नाम की खोज में लग गया । ऐसा नाम जो किसी नकारात्मक किरदार का नाम ना हो । अनोखे ने संस्कृत की मोटी किताबें पढी । वैदिक किताबे और पुराण पढ़े । देवताओं, नदियों और पर्वतों के नाम पढ़े और अंततः एक नाम मिला " विन्ध्य " । अनोखे सबको गर्व से बेटे का नाम बताता था । उसके बच्चे का नाम सबसे अलग था । लेकिन अनोखे की देखा-देखी और बहुत  से लोगों ने अपने बेटे का नाम 'विन्ध्य' रख दिया ।अनोखे किसी को रोक नहीं सकता था । उसके बेटे का नाम सिर्फ एक साल में ही कॉमन नाम बन कर ऱह गया । 

No comments:

Post a Comment