Sunday 31 December 2017


ज़िंदगी, उम्र नहीं होती 
उम्र में वक़्त की मिलावट है 
महीनों, सालों, दशकों की दिखावट है 
उम्र में 
अच्छे और बुरे का 
हिसाब रखना पड़ता है 
जितने किलो हराम 
उतना सवाब रखना पड़ता है 
कामयाबी और नाकामयाबी पलड़ों में रखी रहती हैं 
ज़माने भर की निगाहें काँटे पर अटकी रहती हैं 
कौन सा पलड़ा भारी रहा 
और कौन सा पलड़ा टूट गया 
साजों सामाँ क्या जमा किया 
और कितना तुमसे छूट गया 
 चाहत, ख़्वाबों, रिश्तों के कुछ नियम निभाने होते हैं 
 हवा में लिखे हुए कुछ अंक बढ़ाने होते हैं 
उम्र नाम है गिनती का 
जो शुरू हुई और ख़त्म हुई 
आँकी जाए जो अंकों में 
 क्या शुरू हुई, क्या ख़त्म हुई

पर है जो परे हिसाबों से 
जिरह की किताबों से 
जहाँ ग़म भी बेशुमार है 
और प्यार भी आधार है 

ज़ुबान ...


P.S :-    ये कविता लिखते हुए मैं बीच में ही उठ गया। वापस लौटा तो भूल चुका था कि क्या लिख रहा था। तो ये अधूरी ही रह गई ... फिर इसे मैं कभी पूरा नहीं कर पाया ...




Thursday 20 July 2017

सुनो
मैंने एक ख्वाब का टुकड़ा तोड़ लिया है
इस टुकड़े में हम दोनों हैं
तुम चल रही हो हरी घास पर
नंगे पैर
मेरे पैर के निशानों में अपने पैर रखती हुई
हम पहुंचते हैं एक झरने के किनारे
चट्टानों से गिरता दुधिया पानी
और गिरते हुए पानी को भांप की सुरत
फिर उठते हुए देखती तुम्हारी बड़ी सी आखें
पानी के उस शोर में जब हमारे शब्द भी दब गए  
तुमने बस मेरा हाथ पकड़ा और सब कुछ कह दिया
बारिश के पानी का वो नमकीन स्वाद अब तक मेरी ज़बान पर है
जो तुमने और मैंने चखा था
ख्वाब के उस टुकड़े में
तुम देखती हो सितारों भरा आसमान और ज़िद करती हो
उन सितारों को पाने की
उन्हें तोड़ कर लाने की
मैं तुम्हें ले कर चलता हूँ
उन उड़ते हुए सितारों के बीच ...
तुम अपनी अंजुली में भर लेती हो एक सितारा और देखती हो उसे जगमगाते हुए
सितारों से खेल कर जब थक जाती हो तुम
तो सूरज आकर भर देता है अपनी सारी रोशनी तुम में
सुबह की सुनहरी धूप में चमकता हुआ तुम्हारा चेहरा मैं अपने हाथों में लेकर तुमसे कहता हूँ
मुझे तुमसे मुहब्बत है
तुम्हारी हंसी के साथ बरस जाती हैं शबनम की बूंदे
जो सो रही थी पेडों के पत्तों पर
और सारी कायनात खिलाखिला पड़ती है साथ तुम्हारे
झेंपा हुआ सा मैं दौड़ता हूँ तुम्हारी ही ओर
तुम्हारे आंचल की पनाह पाने को
लेकिन उस से पहले एक बादल तुम्हें भर लेता है अपनी बाहों में
अब तुम नहीं हो कहीं नहीं हो
या हो पर ओझल
घुल गई हो उस बादल में
बह रही हो इस हवा के साथ

या छिप गई हो कहीं इन वादियों में .... 

Wednesday 17 May 2017

अनोखे लाल का विश्व रिकॉर्ड

समस्या ये थी कि अनोखे लाल के अन्दर कोई अनोखी बात नहीं थी. उसके अन्दर कोई भी

गुण नहीं था. लेकिन वो प्रसिद्ध होना चाहता था. वो चाहता था कि रातों रात हीरो

बन जाए. लोग उसे पहचाने और उसकी तारीफ़ करें. दोस्तों ने उसे सलाह दी कि अगर

वो कोई विश्व रिकॉर्ड बना ले तो वो रातों रात हीरो बन सकता है. बात अनोखे को

जंच गई और सिलसिला शुरू हुआ विश्व रिकॉर्ड बनाने का. दोस्त ने बताया कि

तेज़ी से इंग्लिश चैनल पार करके रिकॉर्ड बन सकता है. अनोखे खुश था. ये तो बहुत

ही आसान काम था क्यूंकि इंग्लिश chennel तो अनोखे रोज़ रात को देखता था और खूब

सारे देखता था
.
मीडिया इक्कट्ठा कर लिया गया और रिकॉर्ड दर्ज करने वाले लोग बुला लिए गए. अनोखे

ने दावा किया कि वो english channel  एक नहीं चार बार पार कर सकता था. लेकिन

उसके तोते उड़ गए जब पता चला कि उसे तैर कर एक समुद्र पार करना था. गाँव के

तालाब में भैसों के साथ तैरने वाले अनोखे को समुद्र में धकेल दिया गया. थोड़ी ही

देर में सांस फूल गयी और जान पर बन आई. अनोखे को बाहर निकाला गया. अनोखे काफी

शर्मिंदा हुआ. लेकिन इस घटना के बाद विश्व रिकॉर्ड बना कर खोया सम्मान वापस

पाने कि धुन सवार हो गई.

अबके अनोखे ने फैंसला किया कि विश्व में सबसे लम्बे बाल करके विश्व रिकॉर्ड

बनाएगा. ये काम कुछ आसान लगा. अनोखे ने बाल कटवाना छोड़ दिया और मोहल्ले के

लोगों ने अनोखे के पास जाना. साढ़े तीन साल की कड़ी मेहनत और बालों को लगातार

पोषण देने के बाद अनोखे के बाल काफी लम्बे हो गए, विश्व रिकॉर्ड से कुछ ही

महीने दूर. लेकिन तभी पिताजी का देहांत हो गया. अनोखे को गंजा कर दिया गया.

अनोखे ने दांत से जीप खींचने की कोशिश की, दांत टूट गए जीप नहीं हिली. सबसे

तेज़ मोटर साइकिल चलाने की कोशिश की लेकिन टूटी सड़कें और खटारा bike  8o की

स्पीड से आगे बढ़ी ही नहीं. सबसे ऊँची बिल्डिंग से कूदना, शेर से लड़ना,

सिर्फ कागज़ खा कर जिंदा रहना, मगरमच्छ को kiss करना, सबसे ज्यादा जानवरों की

आवाजें निकालना, सबसे ज्यादा दिन तक बिजली के खम्बे पर रहना और

ना जाने क्या-क्या किया. विश्व रिकॉर्ड बनाने के लिए अनोखे जो कर सकता था

उसने किया लेकिन किसी भी काम में सफल नहीं हो पाया.


लेकिन आज अनोखे खुश है. उसका विश्व रिकॉर्ड में नाम आने वाला है. उसने सबसे

ज्यादा बार और हर बार अलग तरह से विश्व रिकॉर्ड बनाने की कोशिश करने का विश्व

रिकॉर्ड बना लिया है.  

अनोखे लाल प्रस्तुत करते हैं " जानवर और इंसान "


आजकल hollywood वाले इंडिया में फिल्म बनाकर पैसा कमाना चाहते हैं. इसीलिए hollywood director स्टीवन स्पीलबर्ग ने भी तय किया कि भारत में जुरासिक पार्क बनाएगा और producer पकड़ा अनोखे लाल को. अनोखे को कहानी बहुत पसंद आई. भारत में dinasor पर फिल्म कि कल्पना करके ही अनोखे रोमांचित हो गया. लेकिन उसने स्पीलबर्ग के सामने कुछ शर्तें रखीं. शर्त ये थी कि उसे ये फिल्म इंडियन audience के हिसाब से बनानी होगी और इसके लिए कहानी में कुछ बदलाव करने होंगे.

 जैसे कि फिल्म में एक item song तो डालना ही होगा. लेकिन dinasors के जंगल में नाचना गाना और वो भी item song कैसे हो सकता है ? स्पीलबर्ग का सवाल वाजिब था. लेकिन अनोखे producer है. स्पीलबर्ग को हार माननी पड़ी और तय हुआ कि बिजली गिरी का रीमिक्स रखा जाएगा और क्यूंकि ये dinasors कि फिल्म है तो याना गुप्ता भैंसे कि जगह dinasor पर बैठ कर आएगी. और जब तक फिल्म में विलेन यानि dinasor कि एंट्री नहीं होती तब तक हीरो हेरोइन जंगल में एक आध रोमेंटिक गाना भी गा लेंगे. 

जिस दिन हीरो dinasor के जंगल में जाने वाला होगा उस दिन हीरो कि माँ के हाथ से पूजा की थाली गिर जाएगी और इस अपशकुन की वजह से वो हीरो को जंगल में जाने से रोकेगी. लेकिन हीरो नहीं मानेगा तो हीरो कि माँ हीरो के गले में एक ताबीज़ बांध देगी जो हीरो की अंत में जान बचाएगा. कहानी में हुए इस बदलाव पर जब स्पीलबर्ग ने कुछ बोलना चाहा तो उसे समझाया गया इस से लोग फिल्म में अपना कल्चर देख सकेंगे और connect हो पाएंगे.

dinasor कि गिरफ्त में हीरो नहीं, हेरोइन फसनी चाहिए. अंत में जब dinasor हेरोइन को मारने वाला होगा और हीरो बहुत दूर होगा तो हेरोइन नाचना गाना शुरू कर देगी. ताकि इतनी देर में हीरो पहुँच जाए और उसे बचा ले. लेकिन dinasors डांस नहीं देखते स्पीलबर्ग ने आत्मविश्वास के साथ तर्क किया. ये डांस हेरोइन dinasors के लिए नहीं बल्कि उस पब्लिक के लिए करेगी जो टिकेट लेकर फिल्म देखने आई है. अनोखे के जवाब से स्पीलबर्ग को पसीना आ गया . 

 कहानी के अंत में पहले सारे dinasors मिलके हीरो को मारेंगे और जब हीरो बहुत मार खा चुका होगा, उसके होंठ और नाक से खून आने लगेगा तो वो बेहोश हो जाएगा. लेकिन उसकी माँ जिसे dinasors ने बाँध के रखा था चिल्लाएगी " जाग बेटा जाग , बदला ले , तेरे बाप को भी इन्ही कमीनो ने मारा था ". ये सुन कर हीरो जाग जाएगा और dinasors को बहुत मारेगा. स्पीलबर्ग अब चुप था.

जब dinasor भागने लगेगा तो हीरो जीप में उसका पीछा करेगा. और उसे पकड़ कर भी जान से नहीं मारेगा बल्कि police के हवाले कर देगा जिसके हाथ dinasor से भी लम्बे हैं.

 ये फिल्म जुरासिक पार्क नाम से नहीं बन सकती . इंग्लिश नाम वाली फिल्म देखने कौन आयेगा , फिल्म का नाम होगा " जानवर और इंसान " . स्पीलबर्ग अनोखे लाल का भक्त हो गया.




अनोखे लाल का अनोखा मिशन



 अनोखे लाल पहली बार बाप बनने की खुशी में फूला नहीं समा रहा था ।  उसने बहुत प्यार से अपनी बेटी का नाम रखा 'कोमल'। लेकिन लोगों ने कहा कि नाम तो ठीक है पर बहुत कॉमन और घिसा पिटा नाम है । कुछ अच्छा और अलग  नाम होना चाहिए । जैसा कि आज कल हर कोई करता है । टी वी सीरियल में भी ऐसे ही नाम होते हैं । बात अनोखे के मन में बैठ गयी । लेकिन बेटी का नाम बदलवाने की सरकारी प्रक्रिया लम्बी थी और मंहगी भी । अनोखे ने तय किया कि अगले बच्चे का कुछ क्रिएटिव नाम रखेगा । जैसा किसी और बच्चे का ना हो । वो वक्त भी जल्दी ही आ गया । इस बार अनोखे को पुत्र प्राप्ति हुई और अनोखे अपने मिशन में लग गया । वह अपने बेटे का कोई ऐसा नाम रखना चाहता था जो किसी और ने अपने बच्चे का ना रखा हो । कुछ ऐतिहासिक हो , सार्थक और प्यारा भी । अच्छे नाम की तलाश में अनोखे ने इन्टरनेट छान मारा । वह बाज़ार से एक किताब भी लेकर आया जिसमें बहुत से हिंदी नाम लिखे थे । लेकिन बात नहीं बनी ।  महाभारत और रामायण के सभी चरित्रों के नाम पढ़े । और एक नाम ढूंढ निकाला " अयोबाहू " । नाम सचमुच अनोखा था । ऐसा नाम पूरे मोहल्ले में किसी के बच्चे का नहीं था । लेकिन मंदिर के पंडित ने बताया कि यह महाभारत में एक कौरव का नाम था । मोहल्ले भर में अयोबाहू का मज़ाक बन गया । अनोखे ने तय किया कि वह जल्दी ही नाम बदल देगा । वह फिर से एक नाम की खोज में लग गया । ऐसा नाम जो किसी नकारात्मक किरदार का नाम ना हो । अनोखे ने संस्कृत की मोटी किताबें पढी । वैदिक किताबे और पुराण पढ़े । देवताओं, नदियों और पर्वतों के नाम पढ़े और अंततः एक नाम मिला " विन्ध्य " । अनोखे सबको गर्व से बेटे का नाम बताता था । उसके बच्चे का नाम सबसे अलग था । लेकिन अनोखे की देखा-देखी और बहुत  से लोगों ने अपने बेटे का नाम 'विन्ध्य' रख दिया ।अनोखे किसी को रोक नहीं सकता था । उसके बेटे का नाम सिर्फ एक साल में ही कॉमन नाम बन कर ऱह गया । 

Saturday 21 January 2017


दिल
एक गहरी खाई है
काली अंधेरी खाई
जिसमें मैं झांकने से भी डरता हूँ
चक्कर आने लगते हैं
सिर घूमने लगता है  

कुछ कहने की कोशिश करता हूँ तो गूंजती है अपनी ही आवाज़
और मुड़ कर वापस आती है कई कई बार
ख़ुद की आवाज़ कितनी डरावनी होती है
किसी तीर की तरह अंदर तक चीरते हैं जब अपने ही शब्द
तो ज़हर सरीखा भय
भीतर भरने लगता है
और कभी यूं लगता है जैसे
मैं ऊपर नहीं नीचे खड़ा हूँ
खाई की गहराई में
घिरा हुआ हूँ लाशों के ढेर से
कितने ही लोग
जिन्हें मैंने ही कभी मार कर फेंक दिया था यहाँ
ये सब ज़िंदा हैं
पहले से भी ज़्यादा डरावने हो गए हैं
इन्हें फिर से मारूं तो फेंकूंगा कहाँ ?
यहाँ सब कुछ ज़िंदा है
छिला हुआ बचपन,
हारी हुई लड़ाइयां,
मेरे चेहरे से चिपकी तमाम नाकामयाबियां
मेरे साथ हुए और मुझसे हुए सारे अपराध,
ताउम्र इकठ्ठा हुआ क्रोध
सारी घृणा ...
सब कुछ ज़िंदा है
और मैं
समझ ही नहीं पाता कि ये सब मेरे अंदर हैं या मैं खड़ा हूँ इनसे पटा हुआ
मैं उंचाई पर हूँ या गहराई में ?  
जो मैं उंचाई पर हूँ
तो मुझ तक रोशनी क्यों नहीं पहुंचती ?
जो मैं गहराई में हूँ
तो मुझे अंत क्यों नहीं दिखता ?
दिल
एक गहरी खाई है
और मैं ये भी नहीं जानता
कि मैं इस खाई के अंदर हूँ

या ये खाई मेरे अंदर है 

Sunday 18 January 2015

एक थी - जूलियट

 ये सभी कहानियां सत्य घटनाओं से ली गई हैं. इनमें लिखा एक एक शब्द कहीं किसी ने जिया है. ... प्रस्तुत है इसी श्रंखला की अगली कहानी....