Wednesday 30 January 2013

धर्म

   
       धर्म

मै जब बच्चा था
मुझे ज़ंजीर से बाँध दिया गया
एक मोटी ज़ंजीर से

मै जब भी उसे तोड़ने की कोशिश करता
ज़ख़्मी हो जाता
मै जब भी आज़ादी माँगता
मुझे मारा जाता

धीरे धीरे मैंने ज़ंजीर के साथ रहना सीख लिया
ज़ंजीर गले में ना होती
तो भी मै गुलामी गले में बांधे रखता

अब मेरा बेटा
ज़ंजीर तोड़ने की कोशिश करता है
मै हर कोशिश पर उसे ज़ख़्मी होते देखता हूँ
वो चाहतन आज़ादी मांगता है
मै आदतन उसे मारता हूँ


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